रोटी या चपाती एक साधारण भारतीय रोटी है। पूरी गेहूं का आटा से तैयार किया जाता है लगभग हर भारतीय घर में रोटी तैयार की जाती है यह भारत में फल्का या फलाका भी कहा जाता है वर्तमान में कई नवविवाहित भारतीय महिलाएं स्वचालित रोटी निर्माता का उपयोग करती हैं, जो कि प्रयोग में आसान है।
एक बड़े मिश्रण का कटोरा में पूरे गेहूं का आटा डाल दें।
धीरे-धीरे पानी जोड़ें और आटा एकत्र करें। एक बार जब यह एक साथ मिल जाए तो नमक जोडे और अच्छी तरह से गूंधिये।
एक समय में थोड़ा पानी जोड़ें और गुथने के लिए अपने हाथ की एड़ी का उपयोग करें। सभी पानी एक ही बार न जोड़ें, क्योंकि यह आटा नरम और चिपचिपा बना सकता है।
आटे को अच्चिची तरह से गुथना बहुत हे महत्पूर्ण है नरम फुल्के बनाने के लिए इससे अच्छी तरह से गुथ्ते रहे | जरुरत के अनुसार पानी डाले |
जब तक यह नरम, लचीला और चिकना होने तक आटा गूंधो जाता है, कोई दरार नहीं होना चाहिए। कवर करें और इसे 15 मिनट तक आराम दें|
आटे को बेलने के लिए
मिनट के बाद आटे को दुबारा गुथे और उसकी अपनी हाथो के मदत से छोटे बॉल्स बनाए और चिपटा करे |
गैस स्टोव चालू करे और तवा यह कढाई को मध्यम आंच पर गरम करे ।
कब तवा गरम होने लगे तब रोलिंग बोर्ड में थोरा गेहू का आटा फैलाए । एक गेंद ले लो और हल्के से कुछ गेहूं के आटे के साथ धूल और फुलका रोटी रोल करना शुरू करें।
आधे पर फुलका को सूखे गेहूं के आटा फैलाए और फिर से घुमाएं और इसे रोलिंग सतह पर चिपकाने से रोकें।
अब एक गोल पतली डिस्क में इसे फिर से रोल करें यह चाल किनारों को गोल करते हुए गोल आकार देने के लिए है। रोटी के लिए हमारी रोटी तैयार है
गैस स्टोव पर फ़ुलका को पकाने के लिए :
एक बार जब तवा पर्याप्त गर्म स्थान पर आटा के रोल को उस पर रखे। रोटी को सावधानी से रखें ताकि यह मुड़ न जाए।
जब रोटी की ऊपरी सतह का रंग बदलना शुरू हो जाता है और आप देख सकते हैं कि सतह पर बुलबुले दिखाई देते हैं तो रोटी दूसरी तरफ पलट देते है। इसे 15-20 सेकंड के लिए पकाने की अनुमति दें, जब तक कि नीचे का हिस्सा हल्का भूरा न हो।
लौ को ऊंची रखो और अब रोटी को एक टोंग के साथ पकडे , गैस स्टोव से तवा को हटा दें और पहले पक्ष को पकाएं, जो सीधे आग में हो। रोटी फूलना शुरू हो जाएगी। इसे पलटे और दूसरी तरफ 2-3 सेकंड के लिए लौ पर पकाए । फ़ुलका रोटी तैयार है |
इसे ज़्यादा न पकाए वरना रोटी जल सकता है और नरम नहीं होगा।
आंच से उतारे और थोरा घी छिड़के ,नरम कपडे में मोर से एक डब्बे में रखे जैसे कैसरोल यह फिर रोटी में बास्केट में ताकि वह गरम रहे | यह रोटी को सूखने या गीला होने से भी रोकेगा।
साड़ी आटे की गेंदों के लिए एक ही प्रक्रिया का इस्तिमाल करे |
किसी भी सब्जी की कढ़ी ,दाल,मसूर के साथ फुल्केको गरम परोसे।
क्या, अगर आपके पास खुली लौ बर्नर या गैस स्टोव नहीं है ??? यहां फुलकों को तवा पर सीधे पकाने के सुझाव दिए गए हैं|
एक बार जब आप रोल्ड आटा तवा में डाले| आप उसमे बुलबुले दिखाई देगी तब आप फुल्के को पलटे दुबारा दूसरी तरफ बुलबुले आने तक पकाए|
अब आंच को बढ़ाये और सूखे कपडे की मदत से उसको दबाते हुए पकाए जैसे तस्बीर के दिखाया गया है। अब आप देख सकते हैं कि फुलका फुल रहा हैं। लंबे समय तक इस आंच पर न रखे, क्योंकि यह फ़ुलका जल सकता है।
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Notes
जब आपको लगता है कि आटा चिपचिपा है, तो आप थोड़ा और आटा जोड़ सकते हैं और यदि आपको लगता है कि आटा सूख और कठिन है, तो आप थोड़ा पानी जोड़ सकते हैं। आटा न तो बहुत नरम हो और न ही कठिन हो। अगर आपकी रोटी नही फूलती हो तो इसमें निराश न हो ,यह फिर भी अच्छी स्वाद देगी| रोटी को हर तरफ से अच्छे से और समान दवाब देते हुए गोल आकर दे के पतला डिस्क बनाना है क्योंकी अच्छी फुल्के तब ही बना सकते है| रोटी को रोल करते हुए रोल आटा में कोई छेद या पंचर नहीं होना चाहिए। रोटी फूलेगा नहीं | रोटी यह फुल्का बनाना कठिन नही है सिर्फ हमें प्रैक्टिस की जरुरत है |